kitchen garden/किचन गार्डन कैसे बनाएं

दोस्तों स्वच्छ,पोष्टिक,स्वादपूर्ण साग सब्जी क्या आपको पसंद है और साथ ही बागवानी का शौक़ भी रखते है? यदि जवाब हाँ है तो kitchen garden/किचन गार्डन कैसे बनाएं ब्लॉग आपके लिए है।
kitchen garden/किचन गार्डन / गृहवाटिका क्या है ?
गाँव एवं कस्बों में हम देखते है कि लोगों के घरों के आसपास 100-150 वर्ग मीटर के लगभग बची हुई जगह/स्थान में बेल वाली सब्जियाँ जैसे सेम, करेला,लौकी, कद्दू आदि, कुछ मिर्ची के पौधे, कुछ भटे के पौधे, कुछ टमाटर के पौधे, धनिया, पत्तागोभी भिण्डी, पत्तेदार सब्जियाँ, जिमीकंद लगा लिए जाते है जिससे घरेलू उपयोग के लिए ताजी और स्वच्छ सब्जियाँ मिल जाती है, kitchen garden/किचन गार्डन /गृहवाटिका कहलाती है। शहरों में भी यदि आपके पास 100-150 वर्ग मीटर के लगभग खाली एवं उपजाऊ स्थान उपलब्ध है तो आप वह किचन गार्डन बना सकते है।

खाली जमीन में किचन गार्डन बनाने के लिए ध्यान रखने योग्य बिन्दु : –
- ऐसे स्थान में किचन गार्डन बनाए जहां भरपूर सूर्य कि रोशनी आती हो।
- किचन गार्डन बनाने के लिए जमीन को भुरभुरी बना लेना चाहिए और गोबर कि खाद एवं केंचुवा खाद आवश्यकतानुसार मिला लेना चाहिए।
- यदि जमीन मे दीमक कि बसाहट हो या उसकी बामी हो तो बीज बोनी के पूर्व दीमक का नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है। दीमक नियंत्रण हेतु विधियां – हमेशा पूर्ण रूप से पकी हुई खाद का ही उपयोग करना चाहिए क्यूकि कच्ची खाद के प्रयोग से दीमक का प्रकोप बढ़ता है। – दीमक की बामी पेट्रोल, क्लोरपायरीफॉस का घोल डाल कर नष्ट करना। – 4% एंडोसल्फान या 1.5 % क्यूनालफ़ास 10 किलो /एकड़ की दर से भूमि उपचार करना चाहिए।
- उन्नत किस्मों के बीज का चयन करें। (देशी किस्मों का भी चयन कर सकते है क्यूकि इनसे प्राप्त उत्पाद बहुत ही स्वादिष्ट होते है)।
- सिंचाई कि समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- साक सब्जियों के अलावा 1-2 पौधे मुनगा/सहजन (drum stick) के अवश्य लगाएं क्यूकि इस पौधे के फल, फूल, पत्ती सभी भाग बहुत उपयोगी होते है, यह पौधा बच्चों एवं महिलाओं में पोषण कि पूर्ति के लिए वरदान की तरह है।
- औषधीय पौधे जैसे तुलसी, एलोवीरा, कालमेघ, सतावर, पुदीना, मीठी नीम भी लगाए जा सकते है।
शहरों में यदि आपके पास खाली जमीन , उपजाऊ जमीन नहीं है , इस स्थिति में भी आप ग्रो बैग कि सहायता से किचन गार्डनिंग एवं टेरिस गार्डनिंग कर सकते है।
ग्रो बैग में किचन गार्डन कैसे बनाएं :-
- ग्रो बैग को ऐसे स्थान में रखे जहां सूर्य कि पूरी धूप आती हो।
- 10*4*1 फीट साइज़ के ग्रो बैग को भरने के लिए लगभग 250 किलो मिट्टी कि अवश्यकता होती है। (अलग-अलग साइज़ के ग्रो बैग amazon india की साइट में मिल जाएंगे)
- ग्रो बैग में तीन चौथाई भाग ऊंचाई तक मिट्टी से भर दें ।
- कापू मिट्टी (well drained alluvial soil) और केंचुआ खाद 1:1 के अनुपात में मिला लेना चाहिए । (कापू मिट्टी में जल निकासी अच्छे से होती है एवं मिट्टी कि सरंध्रता (porosity) भी बेहतर रहती है)
- मिट्टी डालने के बाद 2.5 -3 से. मी. नाली बना कर बीज कि बोनी कर देनी चाहिए और मिट्टी से ढक कर सिंचाई कर देनी चाहिए।
- किचन गार्डनिंग में उर्वरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए, आवश्यकतानुसार हर सीजन में केंचुआ खाद मिलाते रहना चाहिए।
kitchen garden/किचन गार्डन / गृहवाटिका के लाभ : –
- घरेलू उपयोग के लिए स्वच्छ, ताजी सब्जी कि उपलब्धता हो जाती है।
- उर्वरक, कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिए जैविक उत्पाद प्राप्त होता है।
- पैसों कि बचत होती है।
- मानसिक तनाव दूर करने का अच्छा माध्यम है।
- खाली समय एवं खाली जगह का सदुपयोग होता है
दोस्तों स्वयं के किचन गार्डन की सब्जियों का स्वाद बहुत ही अच्छा होते है ऐसा स्वाद बाज़ार की सब्जियों में नहीं मिलता है ,तो आप किचन गार्डन की शुरुआत छोटी जगह में पत्तेदार सब्जियाँ (चौलाई , पालक, लाल भाजी, मेथी , बथुआ) लगाकर कर सकते है जो की 25-30 दिनों में खाने योग्य हो जाती है। ॥धन्यवाद॥