एमवे APSA-80 की कृषि में क्या भूमिका है?

कृषि क्षेत्र मे हरितक्रांति के बाद उर्वरक, कीटनाशक, नींदानाशकों का प्रयोग अधिक बढ़ गया है। रसायनों के लगातार प्रयोग से खरपतवारों एवं कीटों में प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो जाता है जिसके कारण कीटनाशक, नींदानाशकों की छिड़काव संख्या मे वृद्धि करनी पड़ती है, परिणामस्वरूप खाद्द्यान मे विषाक्ता बढ़ती है, कृषि लागत में बढ़ोतरी होती है, और खरपतवारों एवं कीटों की अगली पीढ़ी में रसायनों का असर कम हो जाता है जैसे फेलिरिस माइनर (गेंहू का मामा ) नींदा आइसोप्रोटुरोन दवा के लिए प्रतिरोधी हो गया है जिसके कारण यह नींदानाशक फेलिरिस माइनर के समूल नाश के लिए कारगर नहीं रहा। इस लेख में हम उक्त समस्याओ एवं अन्य कृषि समस्याओ जैसे जमीन का कठोर होना, बिजली एवम पानी की कमी, कीटनाशक, खाद वा नींदानाशक का सही उपयोग न हो पाना के करणों का निराकारण करेगें एवं एमवे APSA-80 की कृषि में क्या भूमिका है? , इसे जानेंगे।
भारत में 11 कृषि अनुसन्धान केन्द्रों में इस उत्पाद का परीक्षण गेंहू, धान, सोयाबीन, गन्ना, लोबिया, आम, प्याज, आलू, चाय, अनार, अमरूद पर किया गया है एवं वनस्पति रक्षा निर्देशालय फरीदाबाद द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया गया है।
एमवे apsa-80
यह एक नॉन आयनिक जैविक कृषि उत्पाद है जिसका फुल फॉर्म (A-all,P-purpose,S-spray,A-adjuvent,80-80%active ingredient) है अर्थात 80%सक्रिय तत्व वाला सहायक जिसको सभी प्रकार के छिड़काव किए जाने वाले रसायनों एवं सिंचाई जल मे मिलाकर कर उपयोग किया जाता है। इसमे 2-(2-(4 nonyplphenoxy)ethoxy)ethnol सक्रिय पदार्थ है जो इस सर्फ़ेक्टेंट को अच्छा उत्प्रेरक एवं प्रसारक बनाता है एवं बाकी 20% निष्क्रिय पदार्थ होता है।
हमे इसकी तीन शब्दावली को समझने की जरूरत होगी :-
1 ऐडजूवेंट/सहायक – ऐसे पदार्थ जो किसी छिड़काव वाले घोल मे मिलाये जाने पर उस घोल के गुण को बदल देते है जिसके कारण कीटनाशक, नींदानाशकों की क्षमता जैसे प्रेषण क्षमता, लक्ष्य भेदक क्षमता ,छोटे बूंदे बनना एवं अन्य गुणों मे सुधार हो जाता है।
2 आइनिक सर्फ़ेक्टेंट/पृष्ठ सक्रीय कारक – जब सक्रीय अवयव का हाइड्रोफिलिक भाग ऋणात्मक आयन समूह जैसे सल्फ़ोनेट, सल्फेट, कार्बोक्सिलेट से बना होता है तो वह आइनिक सर्फ़ेक्टेंट कहलाता है (साबुन,शैम्पू, निरमा पाउडर)
3 नॉन आइनिक सर्फ़ेक्टेंट– जब सक्रीय अवयव का हाइड्रोफिलिक भाग गैर आवेशित समूह जैसे इथोक्सिलेट, ऐल्कोक्सिलेटेड फेटी ऐसिड, ऐल्कोक्सिलेटेड ऐल्कोहॉल से बना होता है तो वह नॉन आइनिक सर्फ़ेक्टेंट कहलाता है (apsa-80)
apsa-80 की विशेषताएँ:-
(1) गुणवर्धक -यह अच्छा उत्प्रेरक होता है।
(2) इसमे उपस्थित 20% निष्क्रिय पदार्थ कीटनाशक, नींदानाशक, पर्णीय उर्वरक छिड़काव, फफूंदीनाशक को पानी में घुलनशील बनाता है तथा घोल के फैलाव/प्रसार की क्षमता को बढ़ाता है।
(3) क्रियाशीलतावर्धक- छिड़काव के पश्चात यह कीटनाशक, नींदानाशक, पर्णीय उर्वरक छिड़काव, फफूंदीनाशक की कार्यक्षमता बेहतर करता है।
(4) यह पानी के पृष्ट तनाव को कम करता है जिससे पानी की बूंद बनने की क्षमता कम हो जाती है और सिंचाई जल या कीटनाशक, नींदानाशक, पर्णीय उर्वरक छिड़काव, फफूंदीनाशक का घोल ज्यादा क्षेत्र मे प्रभावशील होता है।
(5) यह कीटनाशक, नींदानाशक, पर्णीय उर्वरक छिड़काव, फफूंदीनाशक घोल के अवशोषण को बढ़ाता है जिससे पत्ती के नीचे, ताने के अंदर छुपे हुए कीट को मारने की क्षमता मे वृद्धि करता है।
(6) यह पानी के ऊपर पतली परत बनाता है जिससे पानी का वाष्पीकरण कम होता है।
(7) पाउडर बिखेरने में सहायक होता है।
(8) स्प्रे उपकरणो को साफ रखता है और कृषि उपकरणो को जंग लगने से बचाता है।
(9) बायोडिग्रेडेबल अर्थात प्राकृतिक तरीके से सड़नशील होता है जो की पर्यावरण के अनुकूल होता है।
(10) यह सभी कृषि फसलों एवं उद्यानिकी फसलों के उपयुक्त है।
उपयोग के तरीके एवं लाभ
(1) 80 लीटर पानी में 160 मिलिलीटर apsa-80 मिला कर प्रति एकड़ की दर से भूमि उपचार करने पर यह भूमि के पी एच को सही बना कर रखता है, मिट्टी को भुरभुरी बना कर रखने में सहायक होता है। जल भराव वाले क्षेत्रों में उपयोग करने पर अंतःस्रवण को बढ़ाता है और भूमि को समय पर खेती करने योग्य बनाता है।
(2) 100 किलो बीज के साथ 160 मिलिलीटर की दर से फंगीसाइड वा कल्चर के साथ मिला कर बीज उपचार करने से बीज की अंकुरण क्षमता बढ़ती है, मृदा जनित एवं बीज जनित रोगों से बचाव होता है।
(3) 15 लीटर पानी में 05 मिलिलीटर की दर से कीटनाशक दवा के साथ मिला कर छिड़कव करने से लक्ष्य भेदन क्षमता बढ़ती है और स्प्रे संख्या मे कटौती होती है।
(4) 15 लीटर पानी में 20 मिलिलीटर की दर से नींदानाशक के साथ मिला कर छिड़काव करने से नींदानाशक की क्रियाक्षेत्र में वृद्धि करता है जिससे यह पत्ती मे एकसार फैलता है और नींदा को नष्ट करने में ज्यादा प्रभावशील होता है।
(5) 80 लीटर पानी में 160 मिलिलीटर प्रति एकड़ की दर से भूमि उपचार करने के 12 घंटे बाद सिंचाई करने से पानी जमीन में गहराई तक पाहुचता है, भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ती है, मिट्टी मे नमी ज्यादा दिनों तक बनी रहती है, कम सिंचाई की आवश्यकता होती है जिससे कृषि लागत में कमी आती है।
एमवे apsa-80 के विषय में विस्त्रत जानकारी प्राप्त होने पर हम कह सकते है यह एक उत्कृष्ट स्प्रे सहायक है जो कीटनाशक, नींदानाशक की मारक क्षमता बढ़ाने में, फसल उत्पादन बढ़ाने में और कृषि लागत घटाने में अपनी भूमिका अदा करता है। इस उत्पाद की अधिक जानकारी एवं खरीदने हेतु https://www.amway.in पर visit करें।
बहुत ही अच्छी और उपयोगी जानकारी है
Excellent information about APSA 80
Iam using it.
thanks samuel ji.